249 ऋषि प्रसादः सितम्बर 2013

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

दुःख को उत्सव बनाने की कला – पूज्य बापू जी


हम दुःख चाहते नहीं हैं, दुःख भगवान ने बनाया नहीं है और दुःख हमको पसंद नहीं है फिर भी दुःख क्यों होता है ? क्योंकि ईश्वरीय रहस्य को, ईश्वरीय लीला को, ईश्वरीय ज्ञान को हम नहीं जानते। हमारे मन की कल्पनाओं से हम दुःख बना लेते हैं, सुख बना लेते हैं। वास्तव में अनुकूलता जहाँ …

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बापू जी के साधकों के ऊपर भी हुआ घोर अत्याचार


देश विदेश के साधकों में इस षड्यन्त्र के खिलाफ घोर रोष फैल गया है। देश भर में शांतिपूर्वक विरोध करते हुए रैलियाँ, धरना-प्रदर्शन चालू हो गये हैं। पूज्य बापू जी के 3 साधकों के ऊपर भी झूठा आरोप लगाया गया। उनमें से एक साधक शिवा के साथ पुलिस ने पूछताछ के नाम पर आतंकवादी की …

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अभी न किया तो कब करोगे ? – पूज्य बापू जी


तुम जितनी देर शांत बैठते हो, निःसंकल्प बैठते हो उतनी तुम्हारी आत्मिक ऊर्जा, आत्मिक आभा, परमात्मिक शक्ति संचित होती है, तुम्हारा सामर्थ्य बढ़ता है। एक संत से किसी ने कहाः “हम तो गृहस्थी हैं, संसारी हैं। हम तो एकांत में नहीं रह सकते, शक्तिसम्पन्न नहीं हो सकते।” संत ने कहाः “आप एक लोटे दूध को …

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