263 ऋषि प्रसादः नवम्बर 2014

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

वास्तविक भोजन


एक बार देवर्षि नारद जी विचरण करते हुए सूर्यलोक में पहुँचे। भगवान सूर्य ने उनका अर्घ्य पाद्य से पूजन किया। सूर्यदेव ने पूछाः “नारदजी ! अभी आप कहाँ से आ रहे हैं ?” नारदजीः “महीसागर संगम तीर्थ पर जो महीनगर बसा है, वहाँ के ब्राह्मणों के बीच सत्संग करके आ रहा हूँ।” सूर्यनारायणः “वहाँ के …

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यदि सजग नहीं हुए तो…..


तीन दशक पूर्व राष्ट्र विरोधी ताकतों ने कूटनीतिपूर्वक देशवासियों को भ्रमित करके ऐसी स्थिति उत्पन्न की जिससे दहेज कानून को सख्त करके 498 ए को लागू किया जा सके। नतीजा यह आया कि इसका अंधाधुंध दुरुपयोग होने लगा और 12 साल के बच्चे से लेकर वृद्धों तक लाखों निर्दोष सलाखों के पीछे पहुँच गये। आखिर …

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महान कार्य करते हैं महान त्याग की माँग


संत रंग अवधूत जी महाराज पुण्यतिथिः 22 दिसम्बर 2014 पांडुरंग नामक एक बालक गुजरात में रहता था। एक बार वह बीमार हो गया। दिनों दिन बुखार बढ़ने लगा। दवाएँ लीं, नजर उतरवायी, सब किया किंतु सुधार नहीं हुआ। बीमारी इतनी बढ़ी कि डाक्टर वैद्यों ने आशा छोड़ दी। एक दिन पांडुरंग को लगा कि उसका …

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