264 ऋषि प्रसादः दिसम्बर 2014

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

भगवान के लिए असहनीय क्या है ?


भारतीय सत्शास्त्र-श्रृंखला की रसमय पुष्पमाला का एक मनोहर पुष्प है ‘श्री आनंद रामायण !’ वाल्मीकि एवं तुलसी कृत रामायणों की तरह यह भी अति रोचक, ज्ञानप्रद एवं रसमय शास्त्र है। आइये, भर लें एक घूँट इस सत्शास्त्र-अमृत का… द्वापर युग की बात है। एक दिन अर्जुन समुद्र तट पर घूम रहे थे, तभी उन्होंने एक …

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ज्ञानी हैं महादानी – पूज्य बापू जी


आठ प्रकार के दान होते हैं। अऩ्नदान, भूमिदान, कन्यादान, गोदान, गोरसदान, सुवर्ण दान, विद्यादान और आठवाँ है अभयदान। लेकिन भगवद्-प्रसाद दान सर्वोपरि दान है जो तीन प्रकार का होता है। उसमें जो क्रियाजन्य दान है – रूपया पैसा, सेवा…. वह देश, काल पात्र देखकर किया जाता है। दूसरा जो भक्तिजन्य दान है, उसमें पात्र-अपात्र कुछ …

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इस संस्कृति की सुरक्षा विश्वमानव की सेवा है


महापुरुषों के चरणों में असंख्य लोग जाते हैं। उनको सुख-शांति मिलती है, ज्ञान मिलता है, प्रेरणा मिलती है, आरोग्यता मिलती है…. न जाने कितना कुछ मिलता है रुषों के चरणों में असंख्य लोग जाते हैं। उनको सुख-शांति मिलती है, ज्ञान मिलता है, प्रेरणा मिलती है, आरोग्यता मिलती है…. न जाने कितना कुछ मिलता है। बदले …

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