रूप में भिन्नता तत्त्व में एकता
संत तुलसीदास जी जयंतीः 30 जुलाई एक युवक ने आनंदमयी माँ के सम्मुख जिज्ञास प्रकट कीः “माँ ! संत तुलसीदास जी तो महान ज्ञानी व भक्त थे।…” माँ ने कहाः “निःसंदेह वे थे ही !” “उन्हें जब भगवान ने श्रीकृष्ण के विग्रहरूप में दर्शन दिये, तब उन्होंने यह क्यों कहा कि ‘मैं आपका इस रूप …