ऋषि प्रसाद

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

स्वास्थ्य व पुष्टि प्रदायक रागी


रागी (मँडुआ, मराठी में ‘नाचणी’ ) मधुर, कसैली, कड़वी, शीतल व सुपाच्य होती है । इसमें गेहूँ के समान तथा चावल की अपेक्षा अधिक पौष्टिकता होती है । सुपाच्य होने से सभी ऋतुओं में इसका सेवन किया जाता है । आधुनिक अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार रागी में सभी अनाजों से अधिक और दूध से 3 गुने …

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गुरुआज्ञा की अवहेलना का फल – पूज्य बापू जी


(ब्रह्मवेत्ता सद्गुरु जो भी आज्ञा करें उसका शिष्य को अविलम्ब पालन करना चाहिए । गुरुआज्ञा की अवहेलना या गुरु को धोखा देना महाविनाश को आमंत्रित करता है । यह प्रसंग कुछ ऐसा ही सिद्ध कर रहा है ।) गुरु के संकेत में क्या चमत्कार होता है ध्यान देना ! संत दादू जी का खास शिष्य …

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बालक गृहपति की एकनिष्ठता – पूज्य बापू जी


सौ यज्ञों से भी अधिक पुण्य पंचाक्षर मंत्र का जप करते हुए शिवमूर्ति-पूजन करने से होता है किंतु शिवलिंग का ॐकार मंत्र से पूजन उससे भी अधिक पुण्यदायी है । और अंतरात्मा शिव का एकांत में चिंतन करके ध्यानमग्न होना तो जीव को ऐसी ऊँची दशा देता है कि परम आनंदस्वरूप आत्मा में उसकी स्थिति …

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