Satsang

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युक्ति से मुक्ति


  युक्तः कर्मफलं त्यक्त्वा शान्तिमाप्नोति नैष्ठिकीम्। अयुक्तः कामकारेण फले सक्तो निबध्यते।। कर्मयोगी कर्मों के फल का त्याग करके भगवद प्राप्ति रूप शांति को प्राप्त होता है और सकाम पुरुष कामना की प्रेरणा से फल में आसक्त होकर बंध जाता है । अब भगवान संसार मे रहकर संसार से पार के अनुभव … शान्तिमाप्नोति नैष्ठिकीम्…….अयुक्तःकामकारेण फले …

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अहं को खोजा .. ईश्वर मिला


https://hariomaudio.standard.us-east-1.oortstorage.com/hariomaudio_satsang/Title/2010/Sep/Aham-Ko-Khoja-1.mp3       https://hariomaudio.standard.us-east-1.oortstorage.com/hariomaudio_satsang/Title/2010/Sep/Aham-Ko-Khoja-2.mp3 एक फकीर थे ‘जुनेद’, उनका चेला था ‘शिबी’| मालिक ! मुझे आपकी रहेमत चाहिए !  आपकी कृपा चाहिए !  अल्लाह के नूर का ओज चाहिए ! बोले – चाहिए-चाहिए क्या ? मैं ऐसे नहीं तुम्हें स्वीकार करूंगा | तो बोले – आप हुक्म करो | आदमी तो बड़ा था | …

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गुरुभक्त भाई मुंज


https://hariomaudio.standard.us-east-1.oortstorage.com/hariomaudio_satsang/Title/2015/Jan/Gurubhakt-Munj.mp3   नारायण, नारायण… जिसके जीवन में सतगुरु का ज्ञान नहीं है, ज्ञान के मुताबिक आचरण नहीं है, उसका जीवन चाहे बाहर से कितना भी सुखी और स्वतंत्र दिखे, लेकिन वो मक्खी और कौवे-कुत्ते भी सुखी, स्वतंत्र दिखते हैं लेकिन दिखने भर को हैं, दुर्गति ही है उनकी..  ऐसे ही हमारा मन तितली की नाईं, …

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