युक्ति से मुक्ति
युक्तः कर्मफलं त्यक्त्वा शान्तिमाप्नोति नैष्ठिकीम्। अयुक्तः कामकारेण फले सक्तो निबध्यते।। कर्मयोगी कर्मों के फल का त्याग करके भगवद प्राप्ति रूप शांति को प्राप्त होता है और सकाम पुरुष कामना की प्रेरणा से फल में आसक्त होकर बंध जाता है । अब भगवान संसार मे रहकर संसार से पार के अनुभव … शान्तिमाप्नोति नैष्ठिकीम्…….अयुक्तःकामकारेण फले …