Gurubhaktiyog

सब कुछ बदल गया, नरेंद्र को अब रामकृष्ण परमहंसजी न तो देखते, न बात ही करते…


गुरु में श्रद्धा गुरुभक्तियोग की सीढ़ी का प्रथम सोपान है। गुरु में श्रद्धा दैवी कृपा प्राप्त करने के लिए शिष्य को आशा एवं प्रेरणा देती है। गुरु में सम्पूर्ण विश्वास रखो। तमाम भय, चिंता और जंजाल का त्याग कर दो। बिल्कुल चिंतामुक्त रहो। गुरुवचन में श्रद्धा अखूट बल, शक्ति एवं सत्ता देती है। संशय मत …

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सूफी संत जुन्नेद का शिष्य उनसे कम ना था…


जो शिष्य गुरुकुल में रहते हो उन्हें इस नाशवंत दुनिया की किसी भी चीज की तृष्णा न रहे इसके लिए हो सके अपना प्रयास करना चाहिए। जिसने गुरु प्राप्त किए हैं ऐसे शिष्य के लिए ही अमरत्व के द्वार खोलते हैं। साधकों को इतना ध्यान में रखना चाहिए कि केवल पुस्तकों का अभ्यास करने से …

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गुरुकृपा अबाधित है, सुनिये परमहंस योगानंद जी का यह रोचक जीवन प्रसंग …


प्रसिद्ध पुस्तक योगी कथा अमृत के लेखक एवं अनुभवनिष्ठ योगी परमहंस योगानंदजी को एक बार अमेरिका में आयोजित धार्मिक उदारतावादियों के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन “इंटरनेशनल काँग्रेस ऑफ रिलीजस लिबरन्स” में भारत के प्रतिनिधि के रूप में भाग लेने का निमंत्रण मिला। अपने गुरुदेव श्री युक्तेश्वर जी से अनुमति लेकर अगस्त,1920 में वे समुद्री मार्ग से अमेरिका …

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