पुत्रवान भव राजन् – पूज्य बापू जी
राजा दिलीप को कोई संतान नहीं थी। वे गुरु वसिष्ठ के चरणों में गये और प्रार्थना कीः “गुरुवर ! ऐसा कोई उपाय बतायें जिससे मैं संतानप्राप्ति कर सकूँ।” गुरुवर वसिष्ठजी ने कहाः “राजन् ! आश्रम में रहकर नंदिनी गाय की सेवा करो। अगर उसकी सेवा से उसे संतुष्ट कर सको तो काम बन जायेगा।” गुरुवर …