335 ऋषि प्रसादः नवम्बर 2020

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

साधक सेवा करें, निंदकों से न डरें – पूज्य बापू जी


कबिरा निंदक न मिलो पापी मिलो हजार । एक निंदक के माथे पर लाख पापिन को भार ।। जो निर्दोषों पर झूठे आरोप लगाते हैं, अनर्गल प्रलाप करते हैं, फैलाते हैं उनको पता ही नहीं कि वे अपना भविष्य कितना अंधकारमय कर रहे हैं ! भारत के प्रथम राष्ट्रपति श्री राजेन्द्र बाबू के विषय में …

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इस पर कभी आपने सोचा है ?


स्वामी अखंडानंद जी मधुसूदन सरस्वती जी का एक प्रसंग बताते हैं कि ‘अद्वैतसिद्धि’ लिख लेने के बाद मधुसूदन सरस्वती जी एकांत में बैठे शास्त्रचिंतन कर रहे थे उस समय एक अवधूत उनकी कुटिया में घुस गये और आसन पर ऊँचे बैठ गये । मधुसूदन जी देखने लगे, ‘यह कौन है जो हमारी कुटिया में आकर …

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परमात्मा की प्रतिष्ठा नहीं करनी है


वन में एक विशाल और सुंदर शिव-मंदिर था । उस निर्जन मंदिर में बहुत से जंगली कबूतर बसेरा लेते थे । उन कबूतरों की बीट धीरे-धीरे इतनी वहाँ भर गयी कि उस बीट से मंदिर में स्थापित शिवलिंग ढककर छिप गया । घूमते हुए एक महात्मा उधर से निकले । उतना विशाल और सुंदर मंदिर …

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