Satsang

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हमारा व्‍यवहार कैसा हो?


हम सोचते थे कि कोई कैसा भी व्यवहार करें हमको तो ईश्वर के लिए, गुरु के लिए.. बस कोई कैसा भी करे व्यवहार, हम तो ईश्वर के लिए हैं। यह जरूरी नहीं कि हम घर छोड़ के गुरुद्वार गये अथवा कहीं गये तो सब लोग हमारे मन के अनुकूल चले । यह तो संभव भी …

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नित्य-ज्ञान में आओ!


            आप नित्य ज्ञान का आदर करने की गाँठ बाँध लो, अपने जीवन में व्रत ले लो । मृत्यु जिसकी होती हैं वो हम नहीं हैं। जो मरनेवाला है, वह शरीर है। मरने के बाद भी जो रहनेवाला है- ‘हम’, अपने ‘आप’, हर परिस्थिति के ‘बाप’। बचपन आया, बचपन की जरा-जरा गोली-बिस्किट, लॉलीपॉप, चॉकलेट, चीज-वस्तू, …

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अपने जन्म और कर्म को दिव्य कैसे बनाएँ?


नारायण… नारायण…. नारायण… नारायण… जन्मदिवस बधाई हो.. पृथ्वी सुखदायी हो, जल सुखदायी हो तेज सुखदायी हो, वायु सुखदायी हो जन्मदिवस बधाई हो.. मन सुखदायी हो, मति सुखदायी हो गति सुखदायी हो, स्नेही सुखदायी हो जन्मदिवस बधाई हो..             इस प्रकार जन्मदिवस जो लोग मनाते हैं, मनवाते हैं, बहुत अच्छा है, ठीक है लेकिन उससे थोड़ा …

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