Satsang

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दिव्य श्रद्धा -1


हरि ॐ… श्‍वांस रोकेंगे और धीरे-धीरे छोड़ेंगे, छोडा हुआ श्‍वांस जल्दी नहीं लेंगे । साधन बढ़ने से शरीर में विद्युत का तापमान बढ़ता है । शरीर तब तक भारी रहता है जब तक उसमें कफ और वायु की विपरीतता रहती है । कफ और वायु अधिक होता है तो शरीर आलसी और भारी रहता है, …

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ऐसा ज्ञान पक्का हो जाये तो मौज ही मौज हो जायेगी


भगवतगीता के छठे अध्याय के 31 वें श्लोक में भगवान कहते हैं : सर्वभूतस्थितं यो मां भजत्येकत्वमास्थितः। सर्वथा वर्तमानोऽपि स योगी मयि वर्तते।। बड़ी ऊँची बात भगवान कहते हैं, दुनिया के किसी पंथ और मजहब में ऐसी बात नहीं मिलेगी:  ‘‘मेरे में एकीभाव से स्थित हुआ जो योगी संपूर्ण प्राणियों में स्थित मेरा भजन करता …

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अनुभव न होने के तीन कारण


जिन चीजों को महत्व नही देना चाहिए उन चीजों को महत्व दे रखा है। जिन कर्मों को महत्व नही देना चाहिए उन कर्मों को महत्व दे रखा है। जिस व्यवहार को महत्व कम देना चाहिए उसको हमने अधिक दे रखा है इसलिए हमारा इन्द्रियाँ मन और बुद्धि परमात्मा में स्थिर नही हो पाती। ध्यान से …

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