Tag Archives: Suprachar

बोगस केस का बड़ा खुलासा


पूज्य बापू जी के विरूद्ध किस प्रकार और कितना व्यापक षड्यंत्र रचा गया है, इसकी पोल अब खुलती जा रही है। किस तरह एक सुनियोजित तरीके से बापू जी के खिलाफ झूठे सबूत वह गवाह खड़े किये गये, इसकी हकीकत 8 जुलाई 2015 को जोधपुर सत्र न्यायालय में दिये गये सुधा पटेल के बयान से सामने आयी है।
पुलिस द्वारा दर्ज आरोप-पत्र में सुधा पटेल के नाम पर लिखे गये बयान में जिन अनर्गल, बेबुनियाद बातों का जिक्र किया गया था, सुधा ने उन बातों को झूठी एवं मनगढ़ंत बताया। सुधा ने पुलिस के सबसे झूठ का खुलासा करते हुए कहा कि पुलिस वालों ने दिनांक 16 सितम्बर 2013 को मेरे बयान लिये थे, यह गलत (झूठी) बात है। आज से पहले मैं न कभी जोधपुर आयी और न ही कभी कहीं बयान दिये थे। जोधपुर पुलिस अहमदाबाद आयी थी। मुझसे जोधपुर पुलिस ने कोई पूछताछ नहीं की थी। पुलिस ने मुझसे हस्ताक्षर करवाये थे लेकिन मुझे पता नहीं है कि पुलिस वालों ने मेरे हस्ताक्षर किस बात के करवाये थे।
पुलिस किस प्रकार व्यक्ति से पूछताछ किये बगैर तथा बयान लिये बगैर बनावटी, बोगस बयान तैयार करके अपना दबाव बनाकर उन पर हस्ताक्षर ले के झूठे बयानों का पुलिंदा खड़ा करती है, यह सुधा के बयान से अब सबके सामने आ गया है। साजिशकर्ता पुलिस अधिकारियों से कैसे-कैसे साजिश करवा लेते हैं !
पुलिस द्वारा आरोप-पत्र में वर्णित मनगढ़ंत कहानी की पोल खोलते हुए सुधा पटेल ने न्यायालय को बताया कि मैं मेरी मर्जी से महिला आश्रम, मोटेरा (अहमदाबाद) में दस साल तक रही। मेरे साथ वहाँ कुछ गलत नहीं हुआ था। मैंने पूज्य बापू जी के द्वारा किसी भी अन्य अनुयायी या महिला के साथ कोई गलत व्यवहार नहीं देखा था। यह कहना गलत है कि मैंने आश्रम में कई घटनाएँ, जो आपत्तिजनक हुई हों, उनको पुलिसवालों को बयान देते वक्त बताया हो। आश्रम में कोई भी आपत्तिजनक घटनाएँ नहीं हुई थीं, न ही मैंने पुलिस वालों को ऐसी कोई घटना बतायी है।
सुधा ने न्यायालय में दिये अपने बयान में यह भी स्पष्ट किया कि यह कहना गलत है कि मुझे और मेरे भाई को आश्रम से कोई धमकियाँ मिली हों। मुझे आश्रम द्वारा कोई लालच भी नहीं दिया गया। मैं बिना किसी भय या डर के आज यहाँ न्यायालय में बयान दे रही हूँ।
सुधा के बयान से बोगस केस का एक बड़ा खुलासा हुआ है। यह समझने की बात है कि महिला आश्रम, अहमदाबाद व छिंदवाड़ा की बेटियों को गहने व अन्य प्रलोभन देकर ‘हमारे साथ भी ऐसा हुआ था’ – ऐसे झूठे आरोप लगाने के लिए प्रेरित करने का प्रयास किया गया पर बापू जी की एक भी खानदानी बेटी धन और गहनों के प्रलोभन में नहीं आयी। सुधा ने तो इनकी पोल की खोलकर रख दी।
संकलकः श्री रवीश राय
स्रोतः ऋषि प्रसाद, अगस्त 2015, पृष्ठ संख्या 9, अंक 272
ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

Rishi Prasad 270 Jun 2015

जोधपुर संत-सम्मेलन में हुई माँग पूज्य बापू जी को जमानत शीघ्र दी जायः संत-समाज


24 मई को जोधपुर में ‘राष्ट्र जागृति संत-सम्मेलन’ सम्पन्न हुआ, जिसमें देशभर से आये संतों, धार्मिक संस्थाओं एवं समाजसेवी संगठनों के प्रमुखों तथा समाज के गणमान्य लोगों ने वहाँ उपस्थित विशाल जनसमाज को सम्बोधित किया एवं मा. राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भेजा। प्रस्तुत हैं संत-सम्मेलन में उद्बोधित कुछ अंशः
संत कृपाराम जी महाराज, गुरुकृपा आश्रम, जोधपुरः संस्कृति को अगर बचाना है तो उसके लिए संतों की रक्षा बहुत जरूरी है क्योंकि हमारी जो संस्कृति है उसका आधार संत हैं। राष्ट्र विरोधी ताकतें भी उसे ही गिराने का प्रयास करती हैं जिसकी वजह से सारा देश और सारी संस्कृति टिकी हुई होती है और वर्तमान में पूज्य बापू जी जैसे संतों पर ही हमारी संस्कृति और देश टिका हुआ है। इसलिए बापू जी को फँसाने का षड्यंत्र रचा गया। पूज्य बापू जी निर्दोष हैं और वे बहुत जल्दी बाहर आयेंगे।
श्री राम शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समितिः जिन बापू की वजह से जेल भी मंदिर बन गया, उन पर लगे आरोप सत्य हो सकते हैं क्या ? कभी नहीं। मेडिकल रिपोर्ट में लिखा है कि ‘उस लड़की के बदन पर खरोंच भी नहीं है’ तो बाकी की तो बात ही नहीं बनती है। और भी ऐसी कई बातें सामने आयी हैं।
एक सम्पादक के ऊपर भी बलात्कार का गुनाह दर्ज हुआ था, कुछ ही महीनों बाद उसको जमानत मिली। जिन राजनेता पर आरोप सिद्ध हुआ था, उनको जमानत मिल गयी। तो निर्दोष बापू जी को तो जेल में रखे हुए 21 महीने हो गये, उन्हें जमानत मिले – ऐसी हम अपील करते हैं।
एक अभिनेता के हाल ही के केस में यह कहा जाता है कि उसके स्थापित ट्रस्ट ने कुछ गरीबों की सहायता की, वह समाजसेवा कर रहा है लेकिन पूज्य बापू जी ने तो करोड़ों लोगों का उद्धार किया है, 50 वर्षों से देशभर में इतने बड़े स्तर पर गरीबों, जरूरतमंदों, गायों की सेवा की जा रही है, बच्चों-युवाओं को अच्छे संस्कार दिये हैं, असंख्य लोगों को व्यसनमुक्त किया है। आज बापू जी जेल में होते हुए भी नेपाल के भूकम्प पीड़ितों की सहायता करने के लिए अपने भक्तों को राहत-सामग्री सहित वहाँ भिजवाते हैं – यह कितनी बड़ी समाजसेवा है !
देशद्रोही छूट जाते हैं और साधु-संत अंदर रहते हैं। यदि सरकार को वास्तव में अच्छे दिन लाने हैं तो हमारा निवेदन है कि देशविरोधी कार्य करने वाले लोग अंदर होने चाहिए और जिन्होंने लोगों के मन में देशभक्ति, मातृभक्ति, पितृभक्ति जगायी है, उनको जेल से रिहा किया जाना चाहिए। हमारी माँग है कि 21 महीने हो गये हैं, बापू जी के साथ यह जो अन्याय हो रहा है, अत्याचार हो रहा है वह रुकना चाहिए। बापू जी के संवैधानिक मूलभूत अधिकारों व मानवाधिकारों का रक्षण होना चाहिए एवं जमानत मिलनी चाहिए।
परमहंस स्वामी अद्वैतानंद जी महाराज, बद्रीनाथः बापू जी ने इस संस्कृति को बढ़ाने में बहुमूल्य योगदान दिया है और इसकी वजह से संस्कृति को खत्म करने में लगी शक्तियाँ उनके पीछे लगीं। बापू जी को न्याय मिले, उनकी शीघ्र रिहाई हो।
महंत श्री रामगिरि बापू, महानिर्वाणी अखाड़ाः वे लोग बड़े भाग्यशाली हैं, जिनको बापू जी जैसे महान सदगुरु मिले हैं। कितनी भी आँधी आ जाये, पहाड़ टूट पड़ें, दरिया में से पानी बाहर आ जाय लेकिन बापू जी के प्रति लोगों की जो श्रद्धा है, उसको कोई कम नहीं कर सकता।
संत हरिदासजी महाराज, वैष्णव सम्प्रदायः किसी भी माध्यम से पूज्य बापू जी की सच्चाई, निर्दोषता जन-जन तक पहुँचे ऐसी सेवा करनी चाहिए। इस परिस्थिति में भी जो बापू जी से जुड़े हुए हैं, सेवा में जुड़े हुए हैं वे धरती पर के देवता हैं, उनको मेरा प्रणाम है।
श्री फूलकुमार शास्त्री जी, अंतर्राष्ट्रीय भागवत कथाकारः हमारे जो भाई-बहन सनातन धर्म की महिमा को भूलते जा रहे हैं, उनको जगाने का कार्य परम पूज्य बापू जी महाराज ने ही किया है। बापू जी ने करोड़ों लोगों को धर्म के साथ जोड़ा है। सारा संत-समाज पूज्य बापू जी के साथ खड़ा है। यह अंधकार शीघ्र ही छँटने वाला है, शीघ्र ही सदगुरु संत श्री आशाराम जी बापू हमारे बीच होंगे। भारत में पुनः पूर्णरूप से धर्म का झण्डा फहरायेगा।
योगाचार्य स्वामी धीरेन्द्र ब्रह्मचारीजीः आज नहीं, काफी लम्बे अरसे से सनातन संस्कृति, सनातन धर्म के खिलाफ कुछ-न-कुछ कूटनीति चलती आ रही है। बापू जी क्या करते हैं ? अपनी संस्कृति को बचाते हैं। इस देश के करोड़ों गरीबों की मदद करते हैं। लोगों के मन में भक्तिरस भरते हैं। उनके ऊपर इस तरह के आरोप लगाना और उनको इस उम्र में परेशान करना – यह बहुत ही ज्यादा हो गया।
भवानीलाल माथुर, प्रांत अध्यक्ष, विश्व हिन्दू परिषद, जोधपुरः आज एक बहुत बड़ा षड्यंत्र चल रहा है भारत को समाप्त करने का। लोगों को संस्कारित करने वाला, जगाने वाला जो संत-समुदाय है, आज उन संतों पर आघात किया जा रहा है। मैंने डांग (आदिवासी) क्षेत्र में लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि ‘संत आशाराम जी बापू के प्रवचनों के कारण, उनके सहयोग के कारण, उनके द्वारा हम लोगों में सामग्री एवं आर्थिक सहायता वितरित की जाने के कारण हम आज हिन्दू हैं अन्यथा मजबूरन हम ईसाई हो जाते। हमें दीवाली, होली नहीं मनाने देते थे। हम बड़े दबाव में थे, बड़े डरपोक हो गये थे।’ ऐसे लोगों को भूख से, अज्ञान से बचाने वाला कौन ? संत आशाराम जी बापू। उनके चरणों में मैं नमन करता हूँ।
श्री श्रवणरामजी महाराज, जोधपुरः यदि किसी का सेलिब्रिटी होना, लोग उनसे जुड़े होना यह महत्वपूर्ण बिन्दु बन सकता है तो बापू जी से तो करोड़ों लोग श्रद्धा, आस्था, सद्भावना से जुड़े हुए हैं, ऐसे में उन्हें न्याय मिलना चाहिए। ‘कल्पना’ नामक एनजीओ पूरा-का-पूरा बापू जी के खिलाफ षड्यंत्र में सहयोग कर रहा है, उसमें अनेक ईसाई हैं। बापू जी के खिलाफ रचे गये षड्यंत्र का खुलासा हो।
श्री रामाभाईः निंदकों ने, मीडिया ने बापू जी का इतना कुप्रचार किया लेकिन साधकों सुप्रचार से वह धुल रहा है। प्रत्येक साधक संकल्प ले कि मैं कम-से-कम 1000 ऋषि प्रसाद विशेषांक लोगों तक पहुँचा कर सुप्रचार-सेवा करूँगा।
श्रीमती रूपाली दुबे, रिटायर्ड लेफ्टिनेंट ऑफिसर, इंडियन नेवी, अध्यक्षा, अखिल भारतीय नारी रक्षा मंचः हमें जनजागृति करनी है और सारी हिन्दुत्वनिष्ठ शक्तियों को एकत्र होकर बापू जी को बाहर लाना है।
श्री शिवाभाईः आजकल कई लोग व्हाट्सअप और सोशल मीडिया पर एक दूसरे पर आरोप करते रहते हैं। साधकों व आश्रमवासियों के बीच दरार डालने वालों से सावधान रहें। अपनी समय-शक्ति को इधर-उधर की अफवाहों में न लगाकर प्रचार-प्रसार में लगायें तो हम शीघ्र ही सफल होंगे और पूज्य बापू जी जल्दी-से-जल्दी एकदम निर्दोष साबित होकर बाहर आयेंगे।
श्री सम्पत पुनिया, जोधपुर जिला प्रमुख, शिवसेनाः शिवसेना बापू जी का समर्थन करती है। बापू जी के ऊपर अन्याय हो रहा है और हम इसके खिलाफ आवाज उठायेंगे।
श्री कन्हैयालाल, महासचिव, हिन्दू महासभा, जोधपुरः जो समाचार पत्र बापू जी के नाम के आगे विकृत सम्बोधन लगाकर दुष्प्रचार करते हैं उनका बहिष्कार करें।
शिवसेना के जोधपुर जिला प्रभारी श्री महेन्द्रजी मेवाड़, जिला सचिव श्री गजेन्द्र महिया, जिला कोशाध्यक्ष कैलाश गौड़ आदि विभिन्न संगठनों के प्रमुख गणमान्य लोगों ने भी संत-सम्मेलन में उपस्थित होकर पूज्य बापू जी को शीघ्र रिहा करने की माँग की।
स्रोतः ऋषि प्रसाद, जून 2015, पृष्ठ संख्या 33-35 अंक 270
ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

Rishi Prasad 269 May 2015

”बापू जी को निर्दोष बरी करना ही पड़ेगा” सुप्रसिद्ध न्यायविद् डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी


जोधपुर में पूज्य बापू जी से मिलने आये सुप्रसिद्ध न्यायविद् डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने पत्रकारों से बातचीत में कहाः “हमें भी विधि और कानून के बारे में ज्ञान है। बापू जी के जोधपुर केस की जो परिस्थिति है उसको मैंने जाना, मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ कि जाँच की स्थिति में होते हुए भी बापू जी 20 महीने से जेल में हैं। मैं समझता हूँ कि एक प्रकार से यह भारत का रिकार्ड है कि ऐसे केस में इतने महीने किसी को जमानत के बिना जेल में रखा गया। दंडित लोगों को भी अपील करने पर जमानत मिली है तो बापू जी को क्यों नहीं ? उनके साथ बहुत बड़ा अन्याय हुआ है। उनका मूलभूत अधिकार बनता है जमानत पर बाहर आने का।”
जब पत्रकारों द्वारा यह पूछा गया कि क्या बापू जी को षड्यंत्र के तहत फँसाया गया है तो उन्होंने कहा, “कुल मिलाकर सारी चीजों को देखने से इस विषय में तो मुझे लगता है कि आशाराम जी बापू के खिलाफ केस बनता ही नहीं है, इनको निर्दोष बरी करना ही पड़ेगा। जो शुरुआत में एफआईआर हुई थी दिल्ली में, वह तथाकथित घटना के 5 दिन बाद हुई थी। जो सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय उनके अनुसार कोई पुलिस स्टेशन ऐसे एफआईआर दर्ज नहीं करता है। इन्होंने (बापू जी ने) डांग क्षेत्र (गुजरात) में वनवासियों की हिन्दू धर्म में वापसी करायी थी और आगे धर्मान्तरण होने नहीं दिया। तो सारी धर्मांतरण वाली लॉबी इनके बहुत खिलाफ थी। उन सभी की इस केस में निश्चित भूमिका है। जिस प्रकार से दिल्ली में जीरो एफआईआर दर्ज हुई और फिर बाद में (तत्कालीन) राजस्थान सरकार ने जो दिलचस्पी दिखायी, उससे तो लगता है कि ऊपर से जरूर इशारा था। नयी धाराएँ लगाकर केस बनाया और गिरफ्तार किया था। यह बड़ा आश्चर्य है परन्तु यह सब ट्रायल का विषय है। गिरफ्तारी के जो आधार हैं, उनमें ऐसा कुछ स्पष्ट देखा नहीं। मेडिकल रिपोर्ट कोई सपोर्ट नहीं करती है, केवल एक लड़की के आरोप पर एक संत को आपने बंद किया है। टेकनिकली (विधि-अनुसार) केस बनता नहीं है। केस को लम्बा खींच रहे हैं दुनियाभर में बापू जी को बदनाम करने के लिए। बापू जी को 20 महीने के बाद भी जमानत क्यों नहीं दी गयी है ? सर्वोच्च न्यायालय ने कई बार कहा है कि ‘बेल इज़ द रूल ऐण्ड जेल इज़ द एक्सेप्शन’ (जमानत नियम है और जेल अपवाद)। जो शर्तें सर्वोच्च न्यायालय ने रखी थीं बापू जी की जमानत के लिए, वे पूरी हो गयी हैं। सब जाँच हो गयी है, अब उनको जेल में रहने का कोई कारण नहीं है, न्यायालय को जमानत देनी चाहिए।”
बापू जी पर लगे आरोपों के बारे में सवाल किये जाने पर सुब्रह्मण्यम स्वामी बोले, “आरोप तो हजार लगते हैं, सब पर लगते हैं। आरोप लगाना बहुत आसान है। सवाल है कि आधार क्या है ? और उस आधार के अनुसार में कह सकता हूँ कि इस केस में कोई दम नहीं है।
बापू जी एक संत हैं, इनका बड़ा व्यापक भक्त समुदाय है सारी दुनिया में। उनको बदनाम करना…. बड़ी गम्भीरता से विचारना चाहिए। जहाँ मुझे लगता है कि अन्याय हुआ है, वहाँ मैं लड़ूँगा।”
पत्रकार द्वारा यह पूछने पर कि “क्या आशाराम जी बापू के साथ अन्याय हुआ है ?” वे बोले, “बिल्कुल। केवल एक लड़की के आरोप हैं, कोई प्रूफ नहीं है। सारी बातें बनावटी हैं। तो इनको बेल क्यों नहीं दी 20 महीने से ? और 75 साल के हैं !”
स्रोतः ऋषि प्रसाद, मई 2015, पृष्ठ संख्या 6, अंक 269
ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ