सत्शास्त्रों का आदर
ग्रंथों में देखा जाय तो कागज और स्याही होती है और होते हैं वर्णमाला के अक्षर, जो तुम विद्यालय में पढ़े हो, पढ़ाते हो । लेकिन फिर भी वे अक्षर सत्संग के द्वारा दुहराये जाते हैं और उस ढंग से छप जाते हैं तब वह पुस्तक नहीं रहती, वह स्याही और कागज नहीं रहता, वह …