200 ऋषि प्रसादः अगस्त 2009

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

एको धर्मः परं श्रेयः


महात्मा विदुर राजा धृतराष्ट्र से बोलेः राजन ! एको धर्मः परं श्रेयः । ‘एकमात्र धर्म ही परम कल्याणकारी है ।’ भगवती श्रुति की आज्ञा हैः धर्मं चर, धर्मान्न प्रमदितव्यम् ।’ धर्म करो, धर्मकार्य में प्रमाद नहीं करना चाहिए ।’ वेदों में जिन कर्मों का विधान किया गया है वे धर्म हैं और जिनका निषेध किया …

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संतों का समय व्यर्थ न करें – पूज्य बापू जी


चाणोद करनाली में श्री रंगअवधूत महाराज नर्मदा के किनारे उसकी शांत लहरों को निहार रहे थे । एक स्टेशन मास्टर ने देखा कि जिनका नाम काफी सुना है, वे ही श्री रंगअवधूत महाराज  बैठे हुए हैं । वह उनको प्रणाम करके बोलाः “बाबा जी ! बाबा जी !! 42वाँ साल चल रहा है, अभी तक …

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श्रीकृष्ण अवतार का उद्देश्य-पूज्य बापू जी


(श्रीकृष्ण जन्माष्टमीः 14 अगस्त 2009) मनुष्य जीवन कितना ऊँचा है कि वह भगवान का भी अवतरण करा सकता है । अपने अंतःकरण में भगवान का अवतरण, अपनी बुद्धि में भगवान का अवतरण, अपने ‘स्व’ में भगवान का अवतरण हो गया तो फिर साक्षात्कार हो जाता है । निष्काम कर्म करते हो तो कर्म में भगवान …

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