साधना के विघ्न
पूज्य बापू जी की पावन अमृतवाणी साधना की कभी राह न छोड़, अगर आत्मतत्त्व को पाना है। संयम की नौका पर चढ़, तुझे भवसागर तर जाना है।। मत फँस प्यारे तू जीवन की, छोटी, सँकरी गलियों में। एक लक्ष्य बनकर पहुँच वहाँ, जहाँ औरों को पहुँचाना है।। आत्मदेव की साधना का मार्ग कहीं फूलों से …