261 ऋषि प्रसादः सितम्बर 2014

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

महापुण्यप्रदायक कार्तिक मास – पूज्य बापू जी


(कार्तिक व्रत 8 अक्तूबर 2014 से 6 नवम्बर 2014) ‘स्कन्द पुराण’ में आया हैः न कार्तिकसमो मासो न कृतेन समं युगम्।। न वेदसदृशं शास्त्रं न तीर्थं गंगया समम्।…. ‘कार्तिक मास के समान कोई मास नहीं, सत्ययुग के समान कोई युग नहीं, वेदों के समान कोई शास्त्र नहीं और गंगाजी के समान कोई तीर्थ नहीं है।’ …

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फैशन बन गया है बलात्कार का आरोप लगाना ?


रेपसंबंधी नये कानूनों के परिणाम, मीडिया की भूमिका तथा राजनैतिकों द्वारा इसका इस्तेमाल आदि विभिन्न विषयों पर वास्तविकता को जनता के समक्ष रखते हुए शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के सम्पादकीय में लिखा गया हैः (बालिक, नाबालिग द्वारा) छेड़खानी और बलात्कार का आरोप लगाकर सनसनी पैदा करना अब फैशन हो गया है क्या ? ऐसा सवाल …

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पूरी मानवता को ईश्वरप्राप्ति हेतु उत्साहित करने वाला दिवस – पूज्य बापू जी


(पूज्य बापू जी का 50वाँ आत्मसाक्षात्कार दिवसः 26 सितम्बर) मनुष्य जन्म की सर्वोपरि उपलब्धि आत्मसाक्षात्कार ईश्वर तथा देवता अनेक हैं और वे अपने-अपने विभाग के अधिष्ठाता हैं लेकिन उन सब ईश्वरों में देवों में जो एक आत्मा है, उस आत्मा-परमात्मा के साथ एकाकार होने की ऊँची अऩुभूति का नाम है आत्मसाक्षात्कार। वह परब्रह्म-परमात्मा जो करोड़ों-अरबों …

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